Book Title: Puran aur Jain Dharm Author(s): Hansraj Sharma Publisher: Atmanand Jain Sabha View full book textPage 116
________________ ___E पंक्ति .. अशुद्ध का 4_4A 2 पूटंगण्यु रजे पूर्टगाण्यु रजेः व्रत R व्रते दीवी देवी ur या १३ हि दि शक्ति का सम्बन्ध शांति संबंधी ९० १२ नोट-(१) पृ० ६३ प०८ से [विचार माला में] को जगह [विचारों को एक माला में पढ़ना । (२) १०८१५० १३ [इतिहास कथन] के स्थान में "इतिहास इस कधन"--ऐसा पढ़ना ।Page Navigation
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