Book Title: Puran aur Jain Dharm Author(s): Hansraj Sharma Publisher: Atmanand Jain Sabha View full book textPage 114
________________ १०० पुराण और जैन धर्म पर है । आशा है सभ्य पाठक हमारी इस प्रार्थना को स्वीकृति प्रदान कर सफल करते हुए हमें अनुगृहीत करेंगे। शिवमस्तु सर्व जगतः परहितनिरता भवन्तु भूतगणा: दोषाःप्रयान्तु नाशं सर्वत्र सुखी भवन्तु लोकाः॥ -विनीत हंसPage Navigation
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