Book Title: Prit Kiye Dukh Hoy
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 346
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सभी का मिलन शाश्वत में ३३४ समय के बीतने के साथ अमरमुनिराज ने अघाती कर्मों का भी नाश किया। उनकी आत्मा सिद्ध-बुद्ध-मुक्त हो गयी। सदेह आत्मा विदेह हो गयी। परम सुख और परमानंद का भोक्ता बन गयी। __ इसी तरह साध्वी सुरसुंदरी के भी शेष कर्म नष्ट हुए। उन्होंने भी मोक्षदशा को प्राप्त किया। अक्षयसुख और अनंत आनंद के भोक्ता बन गये। श्री नमस्कार महामंत्र के अचिंत्य प्रभाव का बयान करनेवाली यह महाकथा सभी मनुष्यों के तमाम दुःखों का नाश करनेवाली हो...! सभी आत्माओं के क्लेश-संताप दूर हो जाएँ... सभी आत्माएँ परमानंद को प्राप्त हो...!!! For Private And Personal Use Only

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