Book Title: Prit Kiye Dukh Hoy Author(s): Bhadraguptasuri Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आचार्य श्री भद्रगुप्तसूरि (प्रियदर्शन) रचित व सर्जित साहित्य और विश्वकल्याण प्रकाशन, महेसाणा द्वारा प्रकाशित उपलब्ध पुस्तकें (अब श्री __ महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोषातीर्थ से उपलब्ध व प्रकाश्यमान) हिन्दी पुस्तकें प्रवचन १. पर्व प्रवचनमाला २५.०० २-४. श्रावकजीवन (भाग २, ३, ४) १५०.०० शांतसुधारस (भाग १) ५०,०० कथा-कहानियाँ शोध-प्रतिशोध (समरादित्य : भव-१) ३०.०० द्वेष-अद्वेष (समरादित्य : भव-२) ३०.०० विश्वासघात (समरादित्य : भव-३) ३०.०० वैर विकार (समरादित्य : भव-४) ५०.०० स्नेह संदेह (समरादित्य : भव-६) ५०.०० संसार सागर है ३०.०० प्रीत किये दुःख होय ५०.०० व्रतकथा १५.०० कथादीप १०.०० फूलपत्ती ८.०० छोटी सी बात ८.०० कलिकाल सर्वज्ञ २५.०० १३. हिसाब किताब १५.०० १४. नैन बहे दिन रैन ३०.०० १५. सबसे ऊँची प्रेम सगाई ३०.०० तत्त्वज्ञान ज्ञानसार (संपूर्ण) ५०.०० *समाधान ५०.०० मारग साचा कौन बतावे ३०.०० पीओ अनुभव रस प्याला २०.०० शान्त सुधारस (अर्थ सहित) १२.०० मोती की खेती ५.०० ७. प्रशमरति (भाग - २) २५.०० निबंध : मौलिक चिंतन For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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