Book Title: Pravachana Saroddhar Part 1 Author(s): Hemprabhashreeji Publisher: Prakrit Bharti Academy View full book textPage 2
________________ प्रधान सम्पादक : साहित्यवाचस्पति म. विनयसागर प्राकृत भारती पुष्प- ८८ सिद्धान्तवेत्ता श्री नेमिचन्द्रसूरि प्रणीत प्रवचन - सारोद्धार (प्रथम भाग ) (११० द्वारों का मूल, गाथार्थ एवं आगमज्ञ श्री सिद्धसेनसूरि रचित तत्त्वविकाशिनी टीका का हिन्दी विवेचन) अनुवादिका महान आत्मसाधिका प. पू. अनुभव श्रीजी म.सा. की सुशिष्या साध्वी हेमप्रभाश्री Jain Education International सम्पादक : साहित्यवाचस्पति महोपाध्याय विनयसागर ज्ञा प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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