Book Title: Pratishtha Pradip Digambar Pratishtha Vidhi Vidhan
Author(s): Nathulal Jain
Publisher: Veer Nirvan Granth Prakashan Samiti

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Page 317
________________ णमो लोए स लोए सव्वसाणं, सर णमो उवज्झायाणं 85 Hem हीं अई अनारन विधाओं अमोलए सब्दमादणंस 8: णमो आयरियाणा 5: अनारन अनारन विधाये. बामाबाबा विधायेत SA पारणं साहबम - 6:8:38:3: ANS 10.माव 8:38:38 29 कम दा जमोलाए विमरवण णमो नम्पाट वायसाहा ठः अई अनाहत विद्यादै BARCBr ठः ZPN Saxणमाआवरिया . 8 ठः ही जमो उक. मायाणका म. सम्यग्दर्शनाय स्वा ही अह अनाहत विधाये। यक दर्शनाय सम्यक है 3. MgaDEN माम म्वाहा। मो अरिहंताणं णमो सि श्री सम्यग्ज्ञा B कि BRcoE Sax यस्वाहा' काल ओौ लव.मा 2 अनाहत विधायक मिकाम्बाहा। 29:9:00 ही णमो आय. रियाणस्वाहा। ही सम्यकः HapANA 22 :.. गणो मि ही अह अनाहत विका स्वरमा अशानाय स्वाहा।। FREE san- 29 ज्ञानाय सम्यक , जमोसिस तपम स्वाम ॐही सम्बग्ण 10:9::09 अX: BKrena. IDRENRY Tush लियाये यOS 20209 तामा वाहासह.. 22 सम्यक चारित्राय सम्म करिनाबस्वाहा। DOg सशसह. सम्यकथा आहे. अनाहतविधान ट: 1 । अहं अनाहत विद्यारी . बाहा । ॐ ह्रीं अर्ह से सिद्ध चक्राधिपत श्री सिद्ध चक्र यन्त्र (वृहत्) Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |

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