Book Title: Pratishtha Pradip Digambar Pratishtha Vidhi Vidhan
Author(s): Nathulal Jain
Publisher: Veer Nirvan Granth Prakashan Samiti

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Page 320
________________ उत्तर ही अहे णमोडही अहम जाने विष्पोसहिपता सम्बोमहिपत्ता पिता मनोबलोणं ही महगमोहीम सोही अहं गमो की नमोहीअनमो पतालोसहिपताल ॐहीबह गमोडी अनि बिदुपत्ताण उसपुप्पोनं / महंगमोही असा जामोसहिपतानवलोम सम्बो सो सम्मोहिनिणार्ग हंगो दह गयो । ॐa. जनमोहीमो. कराई गयो बिउसमारो PURAL बीमाहराव नमो परमोहिनिया हमको उम्पनी . हंगमोहीमहको ॐ ही वीही भी में हमो कोहली प्पिसको पश्चिम . नमो सिमा असा Patn महसयो / ति । बोहिण्या ॐही हममो होमो तयाणं घोरतमा पतंगबुदाणा ही भागातगामी ही अह नमो जिणाण गयो ही अहं गमो राण सटाण हणमा पादानुसारो। मोहीहंगो र भित्रमोदराणं । ही मह गमो Marway wwwnxx 8 | आमीविला मह गमोm रिट्टिविताणं ही हं जयो लोए सम्बनाइ गहमामालिका JANRAILeTV -/ammy Mainine राaadam दक्षिण गणधरवलय यन्त्र - Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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