Book Title: Pratikraman Avashyak Swarup aur Chintan
Author(s): Rameshmuni
Publisher: Z_Jinavani_002748.pdf
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________________ 46 | जिनवाणी ||15,17 नवम्बर 2006 33. राजवार्तिक 9.22.1 34. पंचाशक-सटीक विवरण 16.3 35. मूलाचार, 361 व 363 36. (क) औपपातिक सूत्र, सूत्र 20 (ख) भगवती सूत्र 25.7.125 (ग) स्थानांग सूत्र 10.72 (घ) मूलाचार 362 (ङ) चारित्रसार 137 (च) धवला-१३.५,४,२६ 37. राजवार्तिक 9.22.3 38. द्रव्यसंग्रह-आचार्य नेमिचन्द्र, गाथा 16 39. आवश्यकनियुक्ति, गाथा 683 ४०.आवश्यकनियुक्ति, गाथा 684 41. आवश्यकनियुक्ति, गाथा 685 ४२.उपदेशमाला, 506 43. (क) प्रशमरति प्रकरण-२१९ (ख) पंचास्तिकाय-अमृतचन्द्राचार्य वृत्ति, 108 (ग) आप्तमीमांसा-आचार्य वसुनन्दी पदवृत्ति, 40 (घ) समवायांग सूत्र, अभयदेवसूरि वृत्ति, 1, पृष्ठ 6 44. सर्वार्थसिद्धि, 2.1 -तारक गुरु ग्रन्थालय, शास्त्री सर्किल, उदयपुर (राज.) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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