Book Title: Prakrit evam Sanskrit Jain Granth Bhumikao ke Aalekh
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 199
________________ जिनशेखरसूरि पद्मचंद्रसूरि विजयचंद्रसूरि अभयदेवसूरि (द्वितीय) (१२वीं से १३वीं शती) देवभद्रसूरि प्रभानंदसूरि (वि.सं. 1311) श्रीचंद्रसूरि (वि.सं. 1327) जिनभद्रसूरि / जगततिलकसूरि गुणचंद्रसूरि (1415-21) ... अभयदेवसूरि (तृतीय) जयानंदसूरि . वर्धमानसूरि (१५वीं शती). प्रस्तुत कृति में वर्धमानसूरि ने जो अपनी गुरु परम्परा दी है, उससे यह स्पष्ट हो

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