Book Title: Prakrit Sukti kosha
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jayshree Prakashan Culcutta

View full book text
Previous | Next

Page 313
________________ ग्रन्थानुक्रम अनुत्तरौपपातिकदशांग इसिभासियाई अनुयोगद्वार सूत्र ( अन्तिम आगम) उत्तराध्ययन (संग्रह-ग्रन्थ) अन्तकृद्दशांग उत्तराध्ययन-चूर्णि (चूर्णिकार आचार्य अभव्यकुलक जिनदास महत्तर) अर्हत्प्रवचन उत्तराध्ययन-नियुक्ति आख्यानमणिकोश उपदेश-माला ( लेखक-क्षमाश्रमण आचारांग ( संग्रहकर्ता : देवगिणी, धर्मदास गणि) प्रथम अंग आगम) उपासक-दशांग (संग्रहकर्ता-देवर्द्धिगणि) आचारांग-चूर्णि ( आचार्य जिनदास ओघ-नियुक्ति महत्तर लिखित ) ओघनियुक्ति-भाष्य आचारांग-नियुक्ति (नियुक्तिकार औपपातिक-सूत्र (संग्रहकर्ताःदेवर्द्विगणि) आचार्य भद्रबाहु द्वितीय) कपूर-मंजरी आतुर प्रत्याख्यान (रचनाकार स्थविर कल्पसूत्र ( लेखक आचार्य भद्रबाहु आचार्य, ४५ आगमों के क्रमानुसार स्वामी) - ३६ वां आगम) कषाय-पाहुड़ ( लेखक आचार्य आतुर-प्रत्याख्यान-प्रकीर्णक कुन्दकुन्द) आत्मानुशासन कामघट-कथानक आत्मावबोध-कुलक कार्तिकेयानुप्रेक्षा ( रचयिता-कुमार आयरिय-उवज्झाए-सूत्र (आवश्यकसूत्रा ___ कार्तिकेय) न्तर्गत) कुमारपालचरित्त (रचयिता - हेमचन्द्र आराधना-सार सूरि) आवश्यक-नियक्ति (आचार्य भद्रबाहु कुवलयमालाकहा द्वितीय) गउडवहो आवश्यक-नियुक्ति-भाष्य गच्छाचार आवश्यक-सूत्र ( संग्रहकर्ता-देवर्द्धि- गच्छाचार-प्रकीर्णक गणि) गुणानुरागकुलक (रचयिता-जिनहर्षइन्द्रियपराजय-शतक गणि) इरियावहिकुलक गुरुप्रदक्षिणाकुलक [ २६३ Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 311 312 313 314 315 316 317 318