Book Title: Prakrit Sukti kosha
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jayshree Prakashan Culcutta
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बृहत्कल्पभाष्य
बृहत् कल्पसूत्र
बोध- पाहुड़ ( रचयिता - आचार्य
भक्त-परिज्ञा भक्तपरिज्ञा प्रकीर्णक
भगवती आराधना ( रचयिता
आचार्य शिवकोटि )
भगवती सूत्र ( मूल आगम ग्रन्थ )
कुन्दकुन्द )
राजप्रश्नीय
रायपसणीयसुत्त ( संग्रहकर्ता
लघुश्रुतभक्ति
लिंगपाहुड़
लीलावइकहा
वज्जलग्ग (संग्रहग्रन्थ, कर्ता जलवल्लभ )
वन्दित्तु सूत्र वसुनन्दि-श्रावकाचार ( रचयिता -
विकारनिरोध- कुलक
भाव कुलक
भाव पाहुड़
समाधि ( प्रकीर्णक ) महाप्रत्याख्यान ( प्रकीर्णक ) मूलाचार ( रचयिता - आचार्य वट्टकेर ) संविग्नसाधुयोग्यनियमकुलक
मोक्षपाहुड़ ( उद्धृत ग्रन्थ )
सन्मति-तर्क ( आचार्य सिद्धसेन
योगसार - योगेन्दु देव
रयणसार ( रचयिता - आचार्य कुन्द
कुन्द )
देवर्द्धिगणि)
आचार्य वसुनन्दि )
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विशेषावश्यक - भ
-भाष्य ( रचयिताजिनभद्रगणि )
व्यवहारभाष्य-पीठिका
व्यवहार सूत्र
व्याख्या - प्रज्ञप्ति ( संग्रहकर्ता -
शीलकुलक
शील- पाहुड़
श्रमणप्रतिक्रमण सूत्र
श्रावक-धर्म-प्रज्ञप्ति
देवर्द्धिगण )
षट्खण्डागम ( रचयिता - आचार्य भूतबलि ) संबोधत्तरि ( रचयिता – रत्नशेखरसूरि )
दिवाकर )
सन्मति - प्रकरण
समयसार ( रचयिता—-आचार्य कुन्द
कुन्द )
समवायांग ( चतुर्थं आगम )
सर्वार्थसिद्धि
सार्थपोषहसज्झाय सूत्र
साहसी अगडदत्तो
सूत्रकृतांग ( द्वितीय आगम ग्रन्थ ) सूत्रकृताङ्ग-निर्युक्ति
सूत्र - पाहुड़ ( रचयिता - आचार्य
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कुन्दकुन्द )
स्थानांग ( तृतीय आगम ग्रन्थ ) स्याद्वादमञ्जरी
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