Book Title: Prakrit Suktaratnamala
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar
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श्लोक
गाथांक श्लोक
गाथांक छिजउ सीसं अह होउ ३ जा जा वञ्चइ रयणी १३६ छुहियाण भोयणम्मिव १८० जा विहवो ता पुरिस्स ७२
जीवदयाए रहिओ १४६ जंकल्ले कायव १४ जीवो अणाइनिहणो ३७ जंकलं कायव
जुव्वर्ण रूवसंपत्ती १६ जं चित्ते चिंतेउ
जो कुणइ नियम भंग २०७ जं चिय विहिणा लिहि
जो कुणइ परस्स दुहं २६ जइ केवि पुज्वपुरिसा १८७
जो जादिस्सं संगं ३४ जइ गिलइगलइ उदरं १८८
जो जीव वहं काउं १४० जइ जीवियस्स इक्कस्स
जो देइ कणय कोडिं . १५६ जणणी य जम्म भूमी
जो नवि दुःक्खं पत्तो १८२ जम्मं तीए सोगो ३ ट जम्मो कलिंगदेसे
६० टुटत्तं मूकत्त जललवतरलं जीयं १६ टोलुब्व टलटलंतो जह अग्गीइ लबोवि ११८ ठ जह कच्छुल्लो कच्छु २८ ।
ठाणं उच्चययरं जह नई महुरसलिलं ३५ जहा लाहो तहा लोहो २०१ जाइ रूवं विज्जा ७३ तत्तिलो विहिराया जाउण कस्सइ चिंता ६१ तप्पंति तवमणेगे
१४३
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