Book Title: Prakrit Sahitya ki Roop Rekha
Author(s): Tara Daga
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 171
________________ 20. जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा - ले. देवेन्द्रमुनि शास्त्री, तारकगुरु जैन ग्रन्थालय, उदयपुर। 21. जैनागम दिग्दर्शन - ले. नगराज मुनि, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर । 22. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग 1) - ले. बेचरदास दोशी, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी। 23. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग - 2) - ले. डॉ. जगदीशचन्द्र जैन व डॉ. मोहनलाल मेहता, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी। 24. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग - 3) - ले. डॉ. मोहनलाल मेहता, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी। 25. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग 4) - ले. डॉ. मोहनलाल मेहता एवं .. प्रो. हीरालाल र. कापड़िया, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी। 26. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग 5) - ले. पं. अंबालाल, प्रे. शाह, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी। 27. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग 6) - ले. डॉ. गुलाबचन्द्र चौधरी, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी। 28. तीर्थकर महावीर और उनकी आचार्य-परम्परा (खण्ड 2) -- ले. डॉ. नेमिचन्द्रशास्त्री, ज्योतिषाचार्य, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद्, सागर (मध्यप्रदेश)। 29. दशवैकालिक-चयनिका - सं. एवं अ. डॉ. कमलचन्द सोगाणी, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर। 30. दशवैकालिकसूत्र – सं. मधुकर मुनि, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर । 31. नन्दीसूत्र – सं. मधुकर मुनि, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर । 32. नम्मयासुन्दरी कहा - र. महेन्द्रसूरि, सं. डॉ. के. आर. चन्द्र, अ. डॉ. रमणीकभाई एम. शाह, पं. रूपेन्द्रकुमार पगारिया, प्राकृत जैन विद्या विकास फंड, अहमदाबाद । 33. नियमसार - र. आ. कुन्दकुन्द, सं. प. परमेष्ठीदास, टोडरमल सर्वोदय ट्रस्ट, जयपुर। 34. पउमचरियं - र. आ. विमलसूरि, सं. डॉ. के. आर. चन्द्रा,प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, अहमदाबाद। 35. परमात्मप्रकाश व योगसार–चयनिका -सं. एवं अ. डॉ. कमलचन्द सोगाणी, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर। 36. पाइअ-सद्द-महण्णवो - ले. पं. हरगोविन्ददास त्रिकमचन्द सेठ, प्राकृत ग्रन्थ परिषद्, वाराणसी।

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