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____ ह्रस्व 'ऋ' ने बदले विशेषे करीने 'अ' थी अने क्याय क्यांय 'इ' वा 'उ' थी काम चाले छे.
'ल' ने बदले 'इलि' नुं उच्चारण प्रचलित छे. .
'' तो मात्र एक 'अयि' अव्ययने बदले वपराय के बीजे क्यांय तेनो प्रयोग ज नथी. तेम 'औ' नो पण प्रयोग नथी. 'अ' ने बदले 'ए' वा 'अह' थी काम सरे छे अने 'औ' ने बदले 'ओ' के 'अउ' थी व्यवहार थाय छे.
केटलाक वैयाकरणो कहे छे के '' अने 'औ' नो प्रयोग प्राकृतमा छे. ___एक्को' 'सेव्वा' 'सोत्तं' 'सो च्चिअ' वगेरे शब्दोमा आवेला 'ए' अने 'ओ' एकमात्रिक छे-हस्व ले, एम आचार्य शुभचंद्र जणावे छे अने उच्चारणनी दृष्टिए छे पण बराबर व्यंजनो क ख ग घ्
कंठ-कंठ्य च् छ् ज् झ्
तालु-तालव्य
ट वर्ग मूर्धा-माथु-मूर्धन्य त् थ् द् ध् न्
दंत-दांत-दंत्य
ओष्ठ-होठ-ओष्ठ्य
तालव्य अर्धस्वर
मूर्धन्य दंत्य दंत्य-ओष्ठ्य दंत्य
कंठ्य ङ् ञ् ण न्
नासिका-अनुनासिक यूल व
स्थान
مر مر دو