Book Title: Prakrit Abhyas Uttar Pustak
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 166
________________ पाठ - 27 1. अध्ययनार्थी निम्नलिखित अकर्मक क्रियाओं का प्रयोग करते प्रयोग कर सकते हैं। 1. अहं / हं / अम्मि हुए 2. अम्हे / वयं 3. तुमं / तुं / तुह 4. तुम्हे / तुज्झे / तुब्भे 5. सा . ते 6. 7. अहं / हं / अम्मि 8. अम्हे /वयं 9. तुमं / तुं / तुह 10. तुम्हे / तुझे / तुब्भे 11. तुमं/तुं / तुह 12. सो 13. अहं / हं / अम्मि 14. अम्हे / वयं 15. तुमं / तुं / तुह 16. तुम्हे / तुझे / तुब्भे 17. सो 18. ते 19. अहं / हं / अम्मि 20. अम्हे / वयं ✔ 21. तुमं / तुं / तुह 22. तुम्हे / तुझे / तुब्भे 2. 1. अम्हे / वयं 2. सो / स / से 3. तुमं / तुं / तुह 4. ते 5. अहं / हं / अम्मि Jain Education International लज्जमि / लज्जामि / लज्जेमि । रुवमो/रुवमु/रुवम/आदि। डरसि / डरेसि / डरसे । मुच्छिहिसि/मुच्छिस्ससि/ आदि । उत्तरिहिह / उत्तरिहिध / उत्तरिहित्था / आदि । 23. सा थंभिहिइ/थंभिहिए/थंभिहिदि /थंभिहिदे/आदि। 24. ता/ ताउ / ताओ किड्डिहिन्ति / किड्डिहिन्ते / किड्डिहिइरे/आदि। किसी भी कलहह / कलहेह/कलहध/कलहेध/कलहित्था/कलहेइत्था । थक्कइ / थक्केइ / थक्कए/ आदि । अच्छन्ति / अच्छेन्ति / अच्छन्ते / अच्छिरे । पडमु/पडामु/पडिमु/पडेमु । उमो/उझमो/उट्ठेमो 'पुरुषवाचक तडफडहि/तडफडसु/तडफडधि / तडफड / आदि । घुमह / घुमेह / घुमध / घुमेध | सरहिणीसरसुणीसरधि / आदि । कुल्लइ / कुल्लेइ/कुल्लए/ आदि । उच्छलीअ। उज्जमीअ उल्लसीअ । कंपीअ । मरीअ । खेलीअ कुल्लिहिमि / कुल्लिस्सामि / कुल्लिस्सिमि/ कुल्लिहामि / आदि। जुज्झिहिमो / जुज्झिहिमु /जुज्झिहिम / आदि । लुक्कमो / लुक्कामु/लुक्कम / आदि । लुक्किहिमो / लुक्किस्सामो / लुक्किहामो / लुक्किस्सिमो / आदि । डरीअ / डरित्था / आदि । डर / डरे / डरए / डरदि/ डरेदि/आदि। उट्ठहि/उट्ठसु/उट्ठधि/उ/उद्वेज्जसु / उद्वेज्जहि / उद्वेज्जे | उहिसि / उसिसि / उट्ठस्सिसि / उट्ठहिसे / उट्ठिस्ससे / आदि । उहिन्ति / उट्ठेहिन्ति / उट्ठन्ते / उट्ठहिरे / आदि । उट्ठन्ति / उट्ठेति / उट्ठन्ते / उ । खेलीअ / खेलित्था/ आदि । खेलिहिमि / खेलिहामि /खेलेहिमि / आदि । For Personal & Private Use Only सर्वनाम का 155 www.jainelibrary.org

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