Book Title: Prachin evam Arvachin Tristutik Gaccha
Author(s): Shivprasad
Publisher: Z_Yatindrasuri_Diksha_Shatabdi_Smarak_Granth_012036.pdf

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Page 8
________________ १५१२ १५१२ १५१५ - यतीन्द्रसूरिस्मारक ग्रन्ध इतिहास" १५१२ ज्येष्ठ सुदि १० रविवार वैशाख वदि १० शुक्रवार २ प्रतिमा वैशाख सुदि ५ शुक्रवार ३ प्रतिमा १५१२ फाल्गुन वदि ३ शुक्रवार १ प्रतिमा वैशाख सुदि १० गुरुवार " " १५१५ फाल्गुन सुदि ८ शनिवार " " १५१६ वैशाख सुदि ३ १५१७ वैशाख सुदि ३ सोमवार " " १५१८ माघ सुदि ५ गुरुवार १५१९ वैशाख वदि ११ शुक्रवार "१५१९ वैशाख सुदि ३ गुरुवार २ प्रतिमा " " १५१९ माघ वदि ९ शनिवार १ प्रतिमा " " १५१९ ___" माघ सुदि ३ सोमवार आषाढ़ सुदि १ गुरुवार ३. हेमरत्नसूरि के पट्टधर अमररत्नसूरि-- इनके द्वारा वि.सं. १५२४ से वि.सं. १५४७ के मध्य प्रतिष्ठापित १८ प्रतिमाएं उपलब्ध हुई हैं। इनका विवरण इस प्रकार है-- वि.सं. १५२४ वैशाख सुदि २ गुरुवार १ प्रतिमा "" १५२४ कार्तिक वदि १३ शनिवार तिथिविहीन " " १५२१ ""१५२५ "" १५२७ १५२८ १५३० १५३१ "" १५३२ "" १५३२ वैशाख सुदि ५ शुक्रवार "" १५२९ ज्येष्ठ वदि १ शुक्रवार २ प्रतिमा माघ वदि २ शुक्रवार १ प्रतिमा माघ सुदि ५ वैशाख सुदि ३ ४ प्रतिमा ज्येष्ठ वदि १३ बुद्धवार १ प्रतिमा "" १५३५ वैशाख सुदि ६ सोमवार आषाढ़ सुदि ३ शुक्रवार वैशाख सुदि २ मंगलवार "" १५४७ वैशाख सुदि ५ गुरुवार ४. अमररत्नसूरि के पट्टधर सोमरत्नसूरि-- इनके द्वारा प्रतिष्ठापित १२ प्रतिमाएं मिलती हैं, जो वि.सं. १५४८ से वि.सं. १५८१ तक की हैं। इसका विवरण इस प्रकार हैं-- वि.सं. १५४८ वैशाख सुदि ३ १ प्रतिमा ""१५५२ वैशाख सुदी ३ माघ वदि ८ शनिवार "" १५३५ ""१५३६ ""१५५२ didododoiramidaibideodooridrodaridrord७९Mbribedroidroidd-Gadridwaroraniromotorioner Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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