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लिपिपत्र ५१ वां. इस लिपिपत्र में अशोकके समयकी लिपिसे क्रमश: परिवर्तन होते होते वर्तमान देवनागरी लिपि कैसे बनी, यह बतलाया गया है. ऐसे ही भारतवर्षकी दूसरी वर्तमान लिपियें भी बतलाई जासक्ती हैं. ..
लिपिपत्र ५२ वां. इस लिपिपत्र में भिन्न भिन्न लेख, दानपत्र और सिक्कोंसे छांटकर ऐसे अक्षर दर्ज किये हैं, जो लिपिपत्र १ से ३९ पर्यन्तमें नहीं आये.
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