________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
लिपिपत्र १२वां - राजा दुर्गगणके समय के झालरापाटन के लेखसे (विकमी) सम्बत् ७६ अ आई उ ए क ख ग घ च ज र ण त थ धन प फ म १९०७ 57 तह रहा हOरम ब भ म य र ल व श ष स ह जा पा ति दि ती मुदु मुरु भू. व टार रववनयम
? 8 गुदय मू मू. णे ले ले लो तो कर सि म्प ज्ञ त्थं प्र श्री
For Private And Personal Use Only
www.kobatirth.org
भारम् गाय नरेनु-महे, मी tite य तु ( भवर गणपनि मईमुर कप टासे पर
विकेट पहलमा मत वि-कृत- समानु नप पर aajau म्। ११: । यः म पनि त्यति माटाक र. ५६ प हल रखती 18
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir