Book Title: Prabandh Chintamani
Author(s): Merutungacharya, Durgashankar K Shastri
Publisher: Farbas Gujarati Sabha

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Page 15
________________ (१०) शुद्धिपत्रकम् पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध तिघट्ट शुद्ध निघठ्ठ م سه م م م ه م ه م س ५० स्नाता स्नाता: परितुष्टो परितुष्टः इत्ता दत्ता बत्तीसडी हियांह बत्तीस डीहियांह पिक्कि पिरिख प्रसादे प्रासादे भीष्म ग्रीष्म नग्गुहं १४९५ १८९५ (७०) (६८) जनान् जवाद् दवतायतन देवतायतनं धूर्तण धूत्तण लिङ्गानुशासनसिद्धं लिङ्गानुशासनासिद्धं कीर्तन नग्गह ६३दि. م १८ ८८ ९९ १०३ ه ه ه कीर्तनं ه १०७ ११३,११६,११८, ११९,१२१,१८२, १८३,१८४,१८६, १८७,१८८,१९४, १९६,१९८,१९९, पृष्ठषु टिप्पणीषु भाउदाजीना स्थाने भाउदाजिशर्मभिः, इति वाच्यम् Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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