Book Title: Porbandarna Shantinath Jinalayna Be Shilalekho Author(s): M A Dhaky Publisher: Z_Nirgranth_Aetihasik_Lekh_Samucchay_Part_1_002105.pdf and Nirgranth_Aetihasik_Lekh_Samucchay_Part_2 View full book textPage 6
________________ પોરબંદરના શાંતિનાથ જિનાલયના બે શિલાલેખો शिलालेख (1) 1. एदण : स्वस्तिश्री जयमंगल प्रणम्य // संवत 1691 महासुदि 2. 10 शनौ / / श्री जिनप्रासाद नवो नीपनो / राणाश्री षीमाजी राज्ये / ते राणा 3. श्री बरडाना अधिश माहा प्रत्तापवंत थया / तत्र राणाश्री समजी / राणा 4. श्री मेहजी (सु 1) राणाश्री षीमाजी / राणाश्री रामजी // राणाश्री भाणजी 5. तत्र पट्टराणी मुख्य बाई कल्ला तत्र कुक्षी रत्न प्रसुता महाप्रतापवंत / 6. वैरीमुखभंजन बरडा अधिपति / राणाश्री षीमाजी तत्र सुत युवराज 7. पदवी कुंअरश्री विक्रमजी राज्ये श्री जिनविहारप्रासाद नवो नीप 8. नो / राणाश्री षीमाजी राज्ये बुधि (बुद्धि) निधान प्रधान श्रीमाल ज्ञातीय / / 9. पारिष्य जगा / तस्यसुत पारिष्य सेणा / तस्य सुत पारिष्य वासणा 10. // तस्यसुत पारिष्य कान्हजी तस्यभार्या कमलादे तत्र कुक्षी प्रसुता 11. धर्मभार धुरंधर दान गुणादि (वइ 1) करी अलुं ता ज्ञातीद्धारणा 12. श्रीमालीज्ञातीय मुख्य पारिष्य सवजीनी सेवाइ माहि निप 13. नो / गजधर माहा मुरव्य गोविंद तत् सु (सुत) / गण 14. पति / ए प्राद (प्रासाद) निपायो / इति मंगला श्री शिलालेख (2) 1. एदण / संवत 1691 वर्ष माहा सुदि 10 श 2. नौ / श्री पुरबंदिरे मध्ये, श्री जिन प्रासाद 3. द नवो नीपनो / श्री संघाउ / तेह लक्ष 4. षा नामे लाभं / इंद्रजी कल्याणजी 5. ऋषभजि वासो ढलाम / इंद्रजीनी भा 6. र्या बाई रिषिमणि मूल गभारो निपा 7. यो पोतानाइ द्रव्यइ / 3 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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