Book Title: Pind Niryukti
Author(s): Jaysundarsuri
Publisher: Divyadarshan Trust

View full book text
Previous | Next

Page 219
________________ १८० गाथा भुंज ण भुंजे भुंजसु ...॥ १४४॥ भुंजंति चित्तकम्मट्ठिता....॥४८०॥ भुंजंती आयमणे उदगं...॥६२३॥ भुंजण पृष्ठ रयणपदीवे जोती ण....॥३२६ ॥ ८१ रस- कक्कब- पिंडगुला....॥ ३०८ ॥ ७५ रसभायणहेउं वा मा.... ॥ २६९ ॥ ............ ६३ अजीरपुरिमड्डगादि॥३६६॥९० रसहेउं पडिसिद्धो संजोगो... ||६७७ ॥ १६१ १६५ भुतुव्वरियं खलु संखडीए.... ॥ २५५ ॥ भोम्मादिसु तं पुण...||६०२॥...... मंगलहेउं पुण्णट्ठया व...॥३१७॥ मंडलपसुत्तिकुट्ठी असागरिए...॥६३६॥ . मंस - वस - सोणियासव...॥५७६॥ मइमं अरोगि दीहाउओ............॥४४३॥ .......... मइलिय- फालिय-खोसिय ॥३४८॥ मच्छिय घम्मा अंतो....॥३२९॥ मज्जारखइयमंसा मंसा....॥२१४॥ मज्झिमणिद्धे दो पोरिसीउ...॥५५ ॥ मत्तेण जेण दाहि ...॥६०१॥ ... मयमातिवच्छगं पिव ॥४७८॥ महतीए संखडीए....॥२५०॥ मा एयं देह इमं ....॥ २६०॥ मा कार्हिति अवणं....॥२६२॥ मा ताव झंख....॥३१३॥ मा ते फंसेज्ज कुलं...॥५४५॥ मातिपिइ पुव्वसंथवो... ॥५१९॥ .. मायावी चडुकारी अम्हं...॥५२३॥ मालम्मि कुडे मोदग....॥३८७॥ ... मालाभिमुर्हि दहूण....॥३८६॥ मालोहडं पि दुविहं....॥३८४॥ परिशिष्ट - १ पृष्ठ गाथा ३५ ११५ . १४९ ..... ६१ १४५ ७९ १५२ १३८ १०५ ८६ ८१ ५२ १५ १४४ ११४ ६० . ६३ . ६३ ... ७८ १३१ १२५ १२६ ९३ ९३ रागग्गिसंपलित्तो भुंजतो...॥६९३॥ रागेण सइंगालं दोसेण... ॥ ६९५ ॥ १६५ .. ३६ १२२ रायऽवरोहवराहे विभूसिओ॥१४९॥ रायगिहे धम्मरुई... ॥ ५०८ ॥ रायघरे य कयाती...॥५११॥ १२२ लद्धं पहेणगं वा नियगाणं.... ....11 BESII ......... so. लब्धंतं पि ण गेहइ... ।। ५१५॥ १२४ लाभिय र्णितो पुट्ठो....॥४०७॥ ९८ लिंगादीहि वि एवं....॥ १७२ ॥ ४२ लिंगेण उ णाऽभिग्गह....॥१७४॥ ४३ लिंगेण उ साहम्मी....॥१७३॥ ४२ लित्तं ति भाणिऊणं...॥६५१ ॥ १५६ | लेवालेवे त्ति जं....॥४२३॥ १०१ लोए वि असुइगंधा....॥ २८८ ॥ ... लोगाणुग्गहकारिसु भूमीदेवेसु....॥४८२॥ लोण - दग - अगणि-बत्थी ॥ ६२५॥ ७० .. ११५ १४९ ४६ लोणागडोदए एवं....॥ १९०॥ . लोयविरलुत्तिमंगं तवोकिसं....॥३१९॥ ७९ लोलइ महीय धूलीय. ॥४५२ ॥ १०८ वंतुच्चारसरिच्छं कम्मं....॥२१९॥ ५३ ....॥३३६॥ . ८३ ४८ ५१ १५ वइयाए मंखमादी.... ९३ वड्ढइ हायइ छाया....।।१९६ ।।... मासियपारणगट्ठा गमणं.........॥२३१॥ ........... ५६ वड्डेइ तप्पसंगं गेही....॥ २०९॥ मिच्छत्तथिरीकरणं उग्गमदोसा.... ............॥४८१॥ .... ११५ वणसतिकाओ तिविहो... ॥ ५८॥ .. मीसज्जायं जावंतियं च ॥२९४॥ ७२ वण्णाइजुया वि बली....॥२१७॥ yuafayy gos of... 110311 .............. ? Taz-is-gg-ayeruife....1188&ll ....... co& ५३ ..............

Loading...

Page Navigation
1 ... 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226