Book Title: Paumsiri Chariu
Author(s): Dhahil Kavi, Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 1
________________ सिंधीजीना मान्या माला संस्थापक ख० श्री बहादुर सिंह जी सिं घी श्री राजेन्द्र सिंह सिं घी तथा श्री नरेन्द्र सिंह सिं घी ************-*-*-*-*-*-*-*-*[ग्रन्यांक २४ ]*-*-*-**-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-* दिव्यदृष्टिकवि-धाहिलविरचित [अपभ्रंश भाषामय] संरक्षक पउमसिरीचरिउ (पद्मश्री चरित) संपादक साक्षर श्री मधुसूदन मोदी तथा प्रा० श्री हरिवल्लभ भायाणी B ANDUL SINCHI PARBilal 139ी डालटन्स वाघ ना प्रधान संपादक-संचालक आचार्य-जिन विजय मुनि ( सम्मान्य नियामक-भारतीय विद्या भवन, बंबई) ***-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*[प्रकाशन कर्ता] *-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-* सिंघी जैन शास्त्र शिक्षा पीठ भारतीय विद्या भवन _बंबई वि.सं. २००५] [मूल्य ४-१२-० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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