Book Title: Paumchariu Part 1
Author(s): Swayambhudev, H C Bhayani
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 451
________________ 70 पटमचरिउ वेलन्धर 20 5 5. सिरिसइल 19 11 8a, 19 18 8 श्रीशैल, वेलाणल 2055 वेलानल. सीयल° 1.1 10 शीतल. वेलामुह 20 5 6 वेलामुख. सीमकर 1123 सीमङ्कर. वोमविन्दु 92 4 व्योमबिन्दु. सीमन्धर 1 12 3 सीमन्धर. सीहद्धय 16 13 6 सिंहध्वज. सइ 1 13 3 शची. सीहविलम्विय 12 66 सिंह विलम्बित. सयकर 15 6 6 शतकर. *सयम्भु 131et; सयम्भएव 1 16 10g सुय 117 7°, 15 12° शुक. सुकेस 6 15 9a, 7 5 6, 12 5 11, 15 खयम्भू, स्वयम्भूदेव. 8 9a सुकेश. सयर 53 7, 14 11 5 सगर. सुग्गीव 12 5 2, 12 10 9a, °15 14', सक्का see इन्दइ.. __167 5 सुग्रीव. सणंकुमार 14 11 6 सनत्कुमार. सुणन्दा 2 87, 4 9 4 सुनन्दा. सञ्चवह 20 11 9a सत्यवती. सुतार 12 12 5 सुतारा. सम्झागलगजिय° 2057 संध्यागलगर्जित. सुन्दर 1062. सम्झावलि 2057 संध्यावलि. सुभीम 57 11a. सन्ति 1 1 15 शान्ति. सुमइ 115 सुमति. समीर see पवणजय. सुमालि 8 68,7 113°, 107 8 सुमालिन्. सम्भव 113. सुलोयण 5 63, सुलोयणय 547 सुलोचन. सम्वु 20 3 8, 2012 11 शम्बु. सुलोयण 74 1 सुलोचना. सम्मइ 1 12 1, 17 9 6 संमति. सुवेल 20 56. सरसइ 17 18 5 सरखती. 'सुब्वयं 1117 सुव्रत.. ससिकर 15 14 शशिकर, ससिकिरण 1212 सुसेण 2073 सुषेण. 3 शशिकिरण. सूररय 7 11 2,867, 953:11 13 ससिकिरण see ससिकर. 8, 12 5 12,gl. सूर्यरव, traditionससिधय 16 136 शशिध्वज. ___ally सूर्यरजस्. सहसयर 18 1 5 सहस्रकर; सहसकिरण 14 सेयंस 11 11, 2 167 श्रेयांस. 3 120, 14 4 6, सहासकिरण° 15 *सेमिय 161,17 9a, 1 11 1,516 10 1 सहस्रकिरण; सहसरासि 14 54 श्रेणिक.. सहस्ररश्मि. सोदामणिपह 18 7 4 [सौदामनीप्रभ] विद्युत्प्रम. सहसकिरण see सहसयर. सोम 867. सहसक्ख 55 1 सहस्राक्ष, दसरायणेत 5 47 सोमप्पह 4 12 6 सोमप्रभ. दशशतनेत्र. हणुव see हणुमन्त. सहसरासि see सहसयर. हणुवन्त 19 18 8, 2019a, 20 29a, सहसार 812 सहस्रार. 20 3 6, 207 8, 20 9 8, हणुव 20 सामीरणि see हणुमन्त. 38 हनुमत्. सारण 117 7, 15 1 2. हत्य 11 3 3, 15 1 3 हस्त. सिरिकण्ठ 613, 12 28 श्रीकण्ठ हर 599. सिरिप्पह 12121 श्रीप्रभा. हरि° 6 4 5, 17 11 5. सिरिमाल 7 14 श्रीमाला. हरिकेसि 8 14, हरिकेसी 16 137 हरिकेधिन्, सिरिमालावई7 4 5 श्रीमालापति? हरिदवण 15 10 5 हरिदमन. सिरिमालि.7 11 3, 17 5 6, 17 14 2 हरिसेण 11 10, 11 1 96 हरिषेण, धीमालिन्, हिययवेय 18 35 हृदयवेगा. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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