Book Title: Paumchariu Part 1
Author(s): Swayambhudev, H C Bhayani
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 450
________________ 69 INDEX VERBORUM 'महोपर 15 11 महोदर. वगलामह 2056[वगलामुस बडवामुख. माणसमुन्दरि 91 8, माणससुन्दरी 8 12 बजकण्ठ 678 बजकण्ठ. मानससुन्दरी. ___वजाह 17 11 8 वायुध. मारिण 1027,1093, 10 12, 12 4 वजोयर 11 7 8, 15 11', 17 118° 8°, °13 2 5, 17 15, मारिधि 169 वज्रोदर. 6°, 18 12 मारीच. *वद्धमाण 1 2 12, 17 5 वर्धमान; वीर °1 मारिधि see मारिच. 1a; वीरजिण 1 8 13a वीरजिन. मारुह see हणुमन्त. वरुण 18 10 1, 209 3. *मारुयएव 1 2 10 मारुतदेव. बलएव 599 बलदेव. मालि 8 18,866, 10 8 4 मालिन्. वसन्तमाल 18 7 1 वसन्तमाला. मीसकेस 1873 मिश्रकेशी. वसु 16 14 6. मेह 6 87. वसुन्धर 20 55. लच्छी 612 लक्ष्मी. वाउकुमार see पवणजय. रह 1 134 रति. वालि 1 10 5, 12 17, 12 52, 129 रयणचूर 19 8 8 रत्नचूड. 10a, 167 5. रयणावलि 13 la, 16 47 रमावली, वासुपुज° 1 1 12 वासुपूज्य. स्यणासव 9 16,952 रमाश्रव. वाहुवलि 4 4 7, 47 7 बाहुबलि. रम्भ 8 1 8 रम्भा. विचित्तमाल 15 12 1 विचित्रमाला. गम्भ° 207 3 रम्भ. विजय 5 1 4 विजया. रविकण्ण see कुम्भयण्ण. विजयन्त 16 13 5 *विजयत, रविषह 6 8 8 रविप्रभ. विजयमइन्द see विजयसीह. *रविसेणायरिय° 129 रविषेणाचार्य. विजयसीह 7 3 6,745, विजयसिंह; विजयराजीव °15 7 30, 18 102°, 020 5 5. मइन्द 77 96 विजयमृगेन्द्र. राम 1 103; राहव 1996 राघव. विजामन्दर 7 1 3 विद्यामन्दर. रावण 1 103,951; रामण 9 3 90, विजुकेस 6 10 9b विद्युत्केश. दसाणण 5 9 9, 9 3 6, दशानन; दसास विजुलवाहण 7 7 1 विद्युद्वाहन. 107 1 दशास्य; दहमुह 1 107,94 विणमि 2 13 6 विनमि. 9b, 11 18 8 दशमुख; दहवयण 1 10 विमल 1 1 13. 9a दशवदन; दहसिर 94 90 दशशि- विमलकित्ति 58 8 विमलकीर्ति. रस्; वीसद्धसिर 1298 *विंशत्यर्धशिरस्; विमलवाहण 1 13 1 विमलवाहन, वीसहत्थ 1 107 विंशति-हस्त. विराहिय 12 4 9 विराधित. रावणि see इन्दइ. विससेण 2073 वृषसेन. राहव see राम. विसहसेण 392 वृषभसेन. रिसह 27 8,°13 9 90 ऋषभ. *विसालचक्खु 16 5 10 [विशालचक्षुष] वि. -रिसहजिण 1 16 96 ऋषभजिन. शालाक्ष. रिसहसेण 3 10 10 ऋषभसेन. . विहि 17 11 6 विधि.. रूववह 16 106 रूपवती. विहीसण 1 1090,938,966,97 रोहिणि 1 13 4, °13 7 100 रोहिणी. 9a, 108 10, 11 111 विभीषण. बइसवण 576,95 96, 9 6 3, 107 वीसावसु9 63, 16 14 6 विश्वावसु. 5 वैश्रवण. वुह 10 65 बुध. बयणालार 1076 वचनालडार. बेयमह 7 1 3, वेयमई 11 2 5 वेदमती. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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