Book Title: Paum Chariyam Ek Sarvekshan
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 2
________________ जून - २०१२ की है, इनमें दिगम्बर लेखकों की अपेक्षा श्वेताम्बर लेखक और उनके ग्रन्थ अधिक रहे हैं। जैनों में रामकथा सम्बन्धी प्रमुख ग्रन्थ कौन से रहे हैं, इसकी सूची निम्नानुसार है - भाषा orrm 3 चउपन्न 9 vor ग्रन्थ लेखक काल पउमचरियं । विमलसूरि (श्वे.)| प्राकृत | प्रायः ईसा की दूसरी शती वसुदेवहिण्डी | संघदासगणि(श्वे.) प्राकृत | ईस्वीसन् ६०९ पद्मपुराण रविषेण (दि.) | संस्कृत | ईस्वीसन् ६७८ पउमचरिउ स्वयम्भू (दि.) | अपभ्रंश | प्रायः ई.सन् ८वीं शती (मध्य) शीलाङ्क (श्वे.)| प्राकृत | ई. सन् ८६८ ।। महापुरिसचरियं उत्तरपुराण गुणभद्र (दि.) | संस्कृत | ई.सन् प्राय ९वीं शती बृहत्कथाकोष हरिषेण (दि.) | संस्कृत | ई.सन् ९३१-९३२ महापुराण पुष्पदन्त (दि.) | अपभ्रंश | ई. सन् ९६५ कहावली भद्रेश्वर (श्वे.) प्राकृत | प्रायः ई.सन् ११वीं शती त्रिषष्टिशलाका- | हेमचन्द्र (श्वे.) | संस्कृत | प्रायः ई.सन् १२वीं शती पुरुषचरित ११ योगशास्त्र-स्वोपज्ञ | हेमचन्द्र (श्वे.) | संस्कृत प्रायः ई.सन् १२वीं शती वृत्ति शत्रुञ्जयमाहात्म्य | धनेश्वरसूरि(श्वे.) | संस्कृत | प्रायः ई.सन् १४वीं शती पुण्यचन्द्रोदय- | कृष्णदास (दि.) संस्कृत | ई.सन् १५२८ पुराण रामचरित देवविजयगणि(श्वे.) संस्कृत | ई.सन् १५९६ १५ लघुत्रिषष्टिशलाका- मेघविजय (श्वे.) संस्कृत | ई.सन् की १७वी शती पुरुषचरित इनमें एकाध अपवाद को छोडकर शेष सभी ग्रन्थ प्रायः प्रकाशित है । इनके अतिरिक्त भी रामकथा सम्बन्धी अनेक हस्तलिखित प्रतियों का

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