Book Title: Patan Jain Dhatu Pratima Lekh Sangraha
Author(s): Lakshmanbhai H Bhojak
Publisher: B L Institute of Indology

View full book text
Previous | Next

Page 282
________________ 12 ] पाटण जैन धातु प्रतिमा लेख-संग्रह पार्श्वचंद्रसूरि 91, 495, 567, 648, 823 | भावप्रभसूरि 1424 पासचन्द्रसूरि 84, 173, 494, 663, 1570, | भावसागरसूरि 1026, 1038, 1039, 1046, 1584, 1652, 1657 ब, 1669 1049, 1053, 1061, 1062, 1077 1078, 1099, 1112 पासदेवसूरि 97, 1152 पुण्यचंद्रसूरि 502, 587, 652, 737, 1674 मुवनप्रभसूरि 949, 1013 भुवनभानुसूरि 1563, 1566 पुण्यदेवसूरि 117 भोविजय 1243 पुण्यनंदनगणि 654 मंगलसागर 1500 पुण्यप्रभसूरि 960, 1162 मदनसूरि 1730 पुण्यरत्नसूरि 707, 786, 791, 842, 911, 1640 मदानदाचार्य 10 पुण्यवर्धनसूरि 1034, 1644 मयासागर. 1520, 1527 पुण्यविजय 1519, 1544. 1545 मलयचंद्रसूरि 146, 150, 542, 625, 668, पुण्यसागरसूरि 1459 950, 1723 पूर्णचंद्रसूरि 184 महानंदविजय 1561, 1562, 1567, 1568 पूर्णभद्रसूरि 11, 840, 1158 . महाबलविजय 1561, 1562 प्रतापविजयगणि 1347 महितिलकसूरि 161 प्रद्युम्नसूरि 77, 353, 377, 539 महिमाप्रभसूरि 1380, 1381, 1683 प्रेमरि 1547, 1563, 1566 [महोपाध्याय महिसमुद्र 849 फतेविजयगणि 1475 [पं] महेंद्र 101 बालचंद्रसूरि 37 महेंद्रसूरि 122, 1007 बुद्धिसागर सूरि 121, 195, 457, 598, 795, 889, 951, 952, 1527, 1553 महेश्वरसूरि 365, 366, 380, 541 भावकीतिसूरि 891 माणिक्यचंद्रसूरि 25 भावचंद्रसूरि 896, 1695 मानदेवसूरि 75, 1580, 1675 भवदि ... सूरि 1707 मुणिचन्द्रसूरि 40, 132, 175, 244, 312, 503, 504, 9.50, 1021 भावदेवसूरि 116, 130, 623, 628, 815, . 1673 | मुनिचन्द्रसूरि 113, 385, 458, 532, 765,

Loading...

Page Navigation
1 ... 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360