Book Title: Patan Jain Dhatu Pratima Lekh Sangraha
Author(s): Lakshmanbhai H Bhojak
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 281
________________ परिशिष्ट-3 [ 11 देवचंद्रसूरि 76, 606, 676, 749, 1633, धर्मविजय - 1522, 1524, 1525, 1526 1728 धर्मबिमलसूरि 1085, 1116 देवभद्रसूरि 8 . धर्मशेखरसूरि 346, 456, 1083 देवरत्नसूरि 335, 341, 519, 609, 726, धर्मसंबरसूरि 1641 . 772, 773, 774, 859, 1035 धर्मसागरसूरि 549, 600, 607, 731, 761, देवसुदरसूरि 98, 127, 142, 151, 156, । 801, 1177, 1641 157, 199,278, 961, 1002, 1041, 1066, 1070, 1121, | धर्मसुदरसूरि 476, 549 1132, 1657 नंदनसूरि 1535 देवसूरि 64, 1314 नन्नदेवसूरि 1716 देवसूरि (भंडारी) 240 नन्नसूरि 129, 147, 148, 1018, 1713 देवाचार्य 184 नन्नाचार्य 284, 343, 344, 826 देवेंद्रसागरसूरि 1565 नरप्रभसूरि 1682 देवेन्द्रमूरि 48, 630 (पं.) नागसतजी 1459 व्याणीदेवसूरि 1694 नाणचंद्रसूरि 101, 202, 1672, 1732 नप्रभसूरि 246, 317, 637, 1623, नेमसागर 1495, 1520, 1527 1638 नेमिचंद्रसूरि 311 धनरत्नसूरि 1024, 1634 नेमिसूरि 1535 धनेश्वरसूरि 69, 96, 956, 1007 पजूनसूरि 1572, 1689 धर्मचंद्रसूरि 114, 542, 867, 1314. पटेत्शेखरसूरि 1723 धर्मतिलकसूरि 74,. 114 पततुटसूरि 1639 धर्मदेवसूरि 27, 36, 1708 पद्मचंद्रसूरि 143 ब, 263 धर्मघोप ....... 960 पद्मदेवसूरि 47, 49 धर्मप्रभसूरि 154, 296 पद्मप्रभसूरि 128 धर्ममुठेशे? सूरि 456 पद्मविजय 1467, 1478, 1524 धर्म मूर्तिसूरि 1254 पद्मशेखरसूरि 851 धर्मरत्नसूरि 1108, 1601 | पदमानंदिसूरि 851, 895, 981

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