Book Title: Parshwanath Charitra
Author(s): Hargovinddas Pt, Bechardas Pt
Publisher: Harshchand Bhurabhai

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Page 499
________________ ( ३ ) . एशीयाटीक सोसायटी ओफ बंगालमां छपाएला जैन ग्रन्थो. १. योगशास्त्र -त्रण अंको प्रत्येकना २. शान्तिनाथचरित्र - त्रण अंक दरेकना ३. षड्दर्शनसमुच्चय-बे अंक, प्रत्येकना १-४-० ०-१०-० 0-20-0 ४. समराइच्चकहा- चार अंक, प्रत्येकना 0-80-0 ५. प्रबन्धचिन्तामणि- (इंग्रेजी भाषामां) त्रण अंक प्रत्येकना १-४-० ६. परीक्षामुख - लघुवृत्तिसहित, न्यायनो ग्रन्थ. 8-0-0 " ७. न्यायसार - सटीक . R-0-0 ८. तवार्थाधिगमसूत्र - भाष्य सहित, त्रण अंक, प्रत्येकना ०-१०-० ९. उपमितिभवप्रपञ्चाकथा - (त्रीजो तथा चोथो अंक छोडी) १३ अंक संपूर्ण. प्रत्येक अंकना 0-80-0 १०. उपासकदशाङ्गसूत्र - मूल तथा टीका. प्राकृत शब्दोनो कोश पण साथे छे. ११. प्राकृतलक्षण-चण्डकृत - प्राकृतव्याकरण १२. बौद्धप्रकरणसंग्रह - बौद्ध न्यायशास्त्रानां न्हानां न्हानां छ प्रकरणोनो समावेश छे. ६-०-० १-८-० ०-१०-० १. श्रीधर्ममहोदय - (संस्कृत) श्रीरत्नविजयजी विरचित २. श्रीविजयधर्मसूरिचरित्र - ( गूजराती) पोस्टेज ३. सुजनसम्मेलनम् - ( हिन्दी ) महामहोपाध्याय श्रीराममिश्र शास्त्रीजीनुं व्याख्यान तेमां जैनधर्मनी प्राचीनतासिद्ध करी छे.. 0-8-0 ०-१-० ०-१-० 'जैन - शासन' या पत्र दरेक पूर्णिमा तथा अमावास्याए प्रगट थाय छे. पो

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