Book Title: Parishisht Parv Yane Aetihasik Pustak Author(s): Tilakvijay Publisher: Aatmtilak Granth Society View full book textPage 2
________________ श्रीआत्मतिलक ग्रंथ सोसायटी, जामनगरकी → नियमावली। < इस सोसायटीका वर्ष जेष्ट शुक्ल अष्टमोसे शुरू होता है । जिस महाशयको इस सोसायटीका मेम्बर बनना हो वह चाहे श्वेताम्बर हो या दिगम्बर हो या स्थानकवासी हो, हरएक जैनी भाई इसमें मेम्बर होसकता है, मेम्बर होनेकी फीस केवल “दो रुपया" वार्षिक है और जबसे सोसायटीका साल शुरू होता है तबसे फीस अगाउ लीजाती है । इस संस्थाका उद्देश्य यही है कि अच्छे अच्छे प्रथ हिन्दी भाषामें प्रकाशित करके सर्व साधारण जैनसमाजको लाभ पहुंचावे । जो महानुभाव अपने खर्चसे इस सोसायटीद्वारा ग्रंथ छपा कर वितीर्ण करना चाहें उनका नाम पुस्तकपर छपाया जायगा । जो छोटी किम्मतके पुस्तक इस संस्थाकी तप से प्रकाशित होंगे वे मेम्बरोंको भेट दिये जायेंगे। झवेरचन्द धारसी, मोहनलाल भगवानजी. सेक्रेटरी.Page Navigation
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