Book Title: Param Jyoti Mahavir
Author(s): Dhanyakumar Jain
Publisher: Fulchand Zaverchand Godha Jain Granthmala Indore

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Page 10
________________ शुभाशीर्वाद एवं सन्देश श्री १०५ तुल्लक गणेशप्रसाद जी वर्णी ( सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक जैन सन्त) आपकी प्रतिमा का हमें छात्रावस्था से ही परिचय है, आपने कवित्व में अच्छी विशेषता का परिचय दिया है। आपकी आत्मा उन्नत पद को प्राप्त हो, यही शुभ आशीर्वाद है । शांतिनिकेतन, ईसरी गणेशवणी १६-५-६० श्री डा. राजेन्द्रप्रसाद जी (राष्ट्रपति भारत) आपके प्रयास की सफलता के लिए राष्ट्रपति जी अपनी शुभ कामनाएँ मेजते हैं। राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली-४ राजेन्द्रलाल हांडा १५-७-६० (राष्ट्रपति जी के प्रेस सचिव) श्री सर राधाकृष्णन् ( उपराष्ट्रपति भारत) I am glad to know that you are bringing out a book called "Paramjyoti Mahavir" I wish your endeavours success. New Delhi S. Radhakrishnan June 4. 1960

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