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→ श्री चन्द्रर्षि महत्तर प्रणीत
पंचसंग्रह (१) (योगोपयोगमार्गणा अधिकार)
हिन्दी व्याख्याकार स्व० मरुधरकेसरी प्रवर्तक श्री मिश्रीमल जी महाराज
- संयोजक-संप्रेरक
मरुधराभूषण श्री सुकनमुनि
सम्पादक देवकुमार जैन
। प्राप्तिस्थान
श्री मरुधरकेसरी साहित्य प्रकाशन समिति पीपलिया बाजार, ब्यावर (राजस्थान)
- प्रथमावृत्ति
वि० सं० २०४१, पौष, जनवरी १९८५
लागत से अल्पमूल्य १०/- दस रुपया सिर्फ
- मुद्रण
श्रीचन्द सुराना 'सरस' के निदेशन में राष्ट्रीय आर्ट प्रिंटर्स, आगरा
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