Book Title: Panchashati Prabodh Sambandh
Author(s): Mrugendravijay
Publisher: Suvasit Sahitya Prakashan

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Page 436
________________ (३६९) १३२ १५३ २२२ सुरगिरि एकापना लुही महातारहित सूधरीकाकपट्यादि सूचीमुखि दुराचारे सूतह सूतई मांडा सूर्य भारमुत्सृज्य स्नेहः साधुजनेन सोनईशाखा धनि सो सरह नियतणयं २०७ ३०० १५४ ३७ हंसर्लन्धप्रशंसः हत्यिग्गहणं गिम्हे हत्थी दम्मा संवच्छरेण इलाया दीयते दान इस्ततलप्रमाणं तु हस्तपादसमायुक्त हस्तौ दानविवर्जिवी हस्ताश्वव्यापाराः हे मालिके न ते भतुः हेला महल कमोल २२२ " २२० २८५ २८३ "Aho Shrutgyanam"

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