Book Title: Panchami Vrat Pujan Prayog
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir NEDERAISGARNASNEPARASHARAJGANAGEMARKSHETRANASTHANKSys * श्रीपञ्चमी ( वसन्तपञ्चमी ) व्रतपूजनप्रयोगः * *अथ पूजाप्रयोगः * ___ कर्ता कृततिलको बद्धशिखः स्वासने प्राङमुख उपविश्य दीप प्रज्वलय्य अयं संस्थाप्य श्राचम्य प्राणानायम्य पूजनसामग्रीमात्मानञ्च सम्प्रोत्य शान्तिपाठ पठेत्। हरिः ॐ श्रा नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतोऽदब्धासोऽअपरीतास उद्भिदः / देवा नो यथा सदमिद् वृधे श्रसन्नपायुवो रनितारोदिवे दिवे॥१॥ देवानां भद्रा सुमतिऋजूयतान्देवाना तिरभि नो निवर्त्तताम् / देवाना सख्यमुपसेदिमा बयन्देवा न श्रायुः प्रतिरन्तु जीवसे // 2 // तान्पू-अ शवया निविदा हूमहे व्वयम्भगम्मित्रमदितिन्दक्षमस्रि धम् / श्रर्यमणं वरुण , For Private and Personal Use Only

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