Book Title: Panchami Vrat Pujan Prayog
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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * श्रीपञ्चमी ( वसन्तपञ्चमी ) व्रतपूजनप्रयोगः * बलं चन्द्रबलं तदेव / विद्याबलं दैवबलं तदेव लक्ष्मीपते तेऽप्रियुगं स्मगमि // 8 // लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः / येषामिन्दीवरश्यामो है, ॐ हृदयस्थो जनार्दनः // 1 // यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः / तत्र श्रीविजया भूतिध्रुवानीतिमतिर्मम // 10 // अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते / तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम् // 11 // स्मृते / सकलकल्याणभाजनं यत्र जायते / पुरुष तमजं नित्यं वजामि शरणं हरिम् / // 12 // सर्वेष्वारम्भकार्यषु त्रयस्त्रिभुवनेश्वराः / देवा दिशन्तु नः सिद्धि ब्रह्मेशानजनार्दनाः // 13 // विश्वेशं माधवं दुण्ढि दण्डपाणिश्च भैग्वम् / ) वन्दे काशों गुहां गङ्गां भवानी मणिकर्णिकाम् // 14 // ततः सङ्कल्पं कुर्यात् / / For Private and Personal Use Only

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