Book Title: Panch Kalyanak Kya Kyo Kaise
Author(s): Rakesh Jain
Publisher: Tirthdham Mangalayatan

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Page 27
________________ यह प सङ्ग मनुष्य प या य म आत्मभानपूर्वक संयम धारण करने की पावन प्रेरणा प्रदान करता है। पशन 28 - आहारदान का क्या महत्त्व है? उत्तर - मुनिदीक्षा के उपरान्त बेला-तेला आदि उपवास करने के बाद मुनिराज का प्रथम पारणा आहारदान के माध्यम से होता है, उसकी विधि इस अवसर पर दिखायी जाती है। आहारदान के माध्यम से दानतीर्थ की प्रवृत्ति का उदय होता है तथा मुनियों की निर्दोष आहारचर्या का प्रदर्शन भी इसके माध्यम से जगत के सामने जाहिर होता है। इस अवसर पर वैराग्य तथा भावना का अद्भुत संगम होता है। प्रश्न 29 - अङ्कन्यासविधि क्यों करायी जाती है? उत्तर - अङ्कन्यासविधि के साथ-साथ तिलकदानविधि, अधि वा स ना विधि, स्वस्त्य य न विधि, श्री मु खो द् घाट न विधि, नेत्रोन्मीलानविधि, प्राणप्रतिष्ठाविधि, सूरिमन्त्रविधि आदि जिनबिम्ब-प्रतिष्ठा की मुख्य विधियाँ हैं, जिनका अतिशय महत्त्व है। 'सामान्यतया इन विधियों के मन्त्र सभी प्रतिष्ठा पाठों में समान है' - ऐसा पण्डित (526)]

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