Book Title: Niyamsara
Author(s): Kundkundacharya, Himmatlal Jethalal Shah
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 395
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates * श्री नियमसारनी वर्णानुक्रम गाथासूची के गाथा | पृष्ठ ८६ १५९ १४० २७२ २० ए १०२ १०१ १९० ६८ २६ ३४ अ अइथूलथूल थूलं अणुखंधवियप्पेण दु अण्णणिरावेक्खो जो अत्तागमतच्चाणं अत्तादि अत्तमज्झं अप्पसरूवं पेच्छदि अप्पसरूवालबण अप्पाणं विणु णाणं अप्पा परप्पयासो अरसमरूवमगंधं अव्वाबाहमणिंदिय असरीरा अविणासा अंतरबाहिरजप्पे २७ । ८२ | १५२ ७६ | | १४३ १०६ । | २०० ४६ ४८ १८ | गाथा | पृष्ठ उम्मग्गं परिचत्ता ४९ | उसहादिजिणवरिंदा ४७ ए ५७ | एगो मे सासदो अप्पा ११ | एगो य मरदि जीवो ५४ | एदे छद्दव्वाणि य । ३२८ | एदे सव्वे भावा ११९ २३५ | एयरसरूवगंधं १७१ | ३३७ / एरिसभेदब्भासे १६३ | ३२३ | एरिसय भावणाए ९४ | एवं भेदभासं १७८ | ३४८ ९८ | कत्ता भोत्ता आदा १५० | २९५ | कदकारिदाणुमोदण कम्ममहीरुहमूल १७६ ३४५ | कम्मादो अप्पाणं १८७ | कायकिरियाणियत्ती १५५ | कायाईपरदव्वे १०८ | २०७ | कालुस्समोहसण्णा १४७ २९० किं काहदि वणवासो १४९ | २९३ | किं बहुणा भणिएण दु १४८ २९२ | कुलजोणिजीवमग्गण केवलणाणसहावो केवलमिंदियरहियं १७४ | ३४० कोहं खमया माणं | कोहादिसगब्भाव११६ | २२९ | ग ९२ १७० गमणणिमित्तं धम्म । ६३ १२० २१२ आ ११० १११ १०० ८४ आउस्स खयेण पुणो आदा खु मज्झ णाणे आराहणाइ वट्टइ आलोयणमालुंछण आवासं जइ इच्छसि आवासएण जुत्तो आवासएण हीणो ई ईसाभावेण पुणो ईहापुव्वं वयणं ७० १२१ | ६६ १२४ | ११७ | ५६ ९६ । २१४ १३३ २३९ १२७ २४५ २३१ १०८ १७९ २५ २२६ २२५ ११५ | ११४ | उक्किट्ठो जो बोहो उत्तमअटुं आदा ३० ६० Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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