Book Title: Navgraha Stambhanak Parshwadev Stava Author(s): Amrut Patel Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 9
________________ फेब्रुआरी - २०१२ समूहथी युक्त सिद्धान्त सागर, आपद् निवारण करनारा श्री पार्श्वप्रभुने हुं नमन करुं छु. ९. विष्णु समान कान्ति(नीलकान्ति)वाळा, महान प्रभावशाली, ग्रहोनां चिह्नोथी युक्त श्री पार्श्वप्रभु संसारथी मारुं रक्षण करो. १०. आम बधा सूर्य वगेरे समग्र ग्रहो, समान विशेषणोथी अथवा प्रतिमामां नीचला भागमां कोतरेला आ बधा ‘ग्रहो'थी शोभता छतां 'अग्रह' कदाग्रह रहित, पद्मावती वगेरे देवगणोथी पूजित, तथा नागेन्द्र जेमनुं सान्निध्य करे छे- एवा फणिपति सहित (सेवित) श्री पार्श्वप्रभु तमारां विघ्नोनो विनाश करो. ११. महाप्रभाववंत महामणिसमान आ स्तोत्रने जे भाविक आदरपूर्वक कण्ठस्थ करे छे. तेने पार्श्वप्रभुनां नाम-तेजथी प्रभावहीन ग्रहो पीडता नथी. १२. शुभदृष्टिवंत मानवोनी दृष्टि माटे उत्सवरूप बनेला स्तम्भन पार्श्वनाथ प्रभुनी स्तुति में करी. ते पार्श्वप्रभु, चन्द्रमानी समान निज ओजस्प्रकाश-चांदनी द्वारा आपना मन-चकोरने प्रसन्न करो. प्रस्तुत स्तोत्रमा अवचूरिने आधारे नवग्रह विषयक अर्थ - सूर्य : जगन्नेत्र : सूर्यप्रकाशथी जगतने जोइ शकाय छे, रात्रिनो नाश थाय छे, सूर्यने छाया नामे पत्नी अने भद्रा नामे पुत्री छे. सूर्यने कारणे ठंडी दूर थाय छे. कमल (वगेरे) खीले छे. अहीं 'कमलः नाभिकमल समजीओ तो सूर्य आत्मानो कारक छे ए ज्योतिष सिद्धान्त सारी रीते समजी शकाय छे. चन्द्र : चांदनी ने कारणे लोकप्रिय, रात्रे उगे छे माटे (कौशिक=) घुवडो पण खुश थाय छे. कलाओ ओछी-वत्ती थती होय छे. कलाधर चन्द्र अन्धकारने दूर करे छे. अन्धकार = जो मनमालिन्य, तो चन्द्र मननो कारक' समजी शकाय छे. मङ्गळ : मङ्गळनो रंग लाल छे. आठमे मङ्गळवार होय तो 'सिद्धियोग बने छे. मङ्गळ भौम = भूमिपुत्र छे. जो शुभ होय तो मङ्गलकारी बने छे. बुध : जो क्रूरग्रहोथी मुक्त होय तो बुधनी दृष्टि शुभ छे. बुध सौम्यग्रह छे, बुद्धिनो कारक छे.Page Navigation
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