Book Title: Nandisuttam
Author(s): Unknown
Publisher: Unknown
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नंदिसुत्ते दिट्ठिवाए अणुओगे चूलियाओ य [सु० ११०११०. से किं तं अणुओगे ? अणुओगे दुविहे पण्णत्ते, तं जहामूलपढमाणुओगे य गंडियाणुओगे य ।
१११. से किं तं मूलपढमाणुओगे ? मूलपढमाणुओगे णं अरहंताणं भगवंताणं पुव्वभवा देवलोगगमणाई आउं चवणाइं जम्मणाणि य अभिसेया रायवरसिरीओ पव्वजाओ, तवा य उग्गा, केवलनाणुप्पयाओ तित्थपवत्तणाणि य सीसा गणा गणधरा य अज्जा य पवत्तिणीओ य, संघस्स चउव्विहस्स जं च परिमाणं, जिण-मणपज्जव-ओहिणाणि-समत्तसुयणाणिणो य वादी य अणुत्तरगती य उत्तरवेउविणो य मुणिणो जत्तिया, जत्तिया सिद्धा, सिद्धिपहो जह य देसिओ, जचिरं च कालं पादोवगओ, जो जहिं जत्तियाई भत्ताई छेयइत्ता अंतगडो मुणिवरुत्तमो तमरओघविप्पमुक्को मुक्खसुहमणुत्तरं च पत्तो, ऍते अन्ने य एवमादी भावा मूलपढमाणुओगे कहिया। से तं मूलपढमाणुओगे।।
११२. से किं तं गंडियाणुओगे ? गंडियाणुओगे णं कुलगरगंडियाओ तित्थगरगंडियाओ चक्कवट्टिगंडियाओ दसारगंडियाओ बलदेवगंडियाओ वासुदेव
गंडियाओ गणधरगंडियाओ भद्दबाहुगंडियाओ तवोकम्मगंडियाओ हरिवंसगंडियाओ १५ ओसप्पिणिगंडियाओ उस्सप्पिणिगंडियाओ चित्तंतरगंडियाओ अमर-णर-तिरिय
निरयगइगमणविविहपरियट्टणेसु एवमाइयाओ गंडियाओ आघविजंति । से तं गंडियाणुओगे। से तं अणुओगे ४।
११३. से किं तं चूंलियाओ ? चूंलियाओ आइल्लाणं चउण्हं पुवाणं चूंलिया, अवसेसा पुव्वा अचूलिया। से तं चूंलियाओ ५। २०
११४. दिट्ठिवायस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेजाओ पडिवत्तीओ, संखेजाओ णिजुत्तीओ, संखजाओ संगहणीओ। से णं अंगठ्ठयाए दुवालसमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, चोद्दस पुवा, संखेजा वत्थू, संखेजा चुल्लवत्थू, संखेजा पाहुडा, संखेजा पाहुडपाहुडा,
१. देवगम डे. ल. शु० मो० मु०॥ २. आयं खं०॥ ३. उत्तरवेउव्विणो य मुणिणो इति सं० सम० नास्ति ॥ ४. छेइत्ता जे० डे० ल. मो० मु० ॥ ५. रयुष सं० ॥ ६. सुहं च अणुत्तरं पत्तो सं० ल. ॥ ७. एवमन्ने जे० मु०॥ ८-९. चूलिया खं० सं० ल. शु०॥ १०. चूलिया, सेसाई पुव्वाइं अचूलियाई, से तं जे० मो० मु०॥ ११. चूलिया खं० सं० ल० शु० ॥ १२. दिट्ठिवाए णं खं० सं० ल० शु०॥ १३. अंगठाए खं० शु०॥ १४. बारसमे जे० मो० मु० ॥ १५. पुव्वाइं जे० मो० मु०॥ १६. चूलवत्थू खं० सं० सम० विना ।

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