Book Title: Nandi Sutram
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Acharya Shree Atmaram Jain Bodh Prakashan

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Page 504
________________ नन्दीसूत्रम् ३६३ , छव्विहा उग्गहमती पण्णता, तंजहा—खिप्पमोगिण्हति, बहुमोगिण्हति, बहुविधमोगिण्हति, धुवमोगिण्हति, अणिस्सियमोगिण्हति, असंदिद्धमोगिण्हइ । छव्विहा ईहामती पण्णना, तंजहा-खिप्पामीहति, बहुमीहति, जाव असंदिद्धमीहति । छविहा अवायमती पण्णता, तंजहा–खिप्पमवेति, जाव असंदिद्धं अवेति । छविधा धारणा पण्णत्ता, तंजहा—बहुं धारेइ बहुविधं धारेइ, पोराणं धारेति, दुद्धर धारेति, अणिस्सितं धारेति, असंदिद्धं धारेति । -स्थानांगसूत्र, स्थान ६, सूत्र ५१० । आभिणिबोहियनाणे अट्ठावीसइविहे पण्णत्ते, तंजहा-सोइंदियअत्थावग्गहे, चक्खिंदिय-अत्थावग्गहे, घाणिदिय-अत्थावग्गहे, जिमिंदिय-अत्थावग्गहे, फासिदिय-अत्थावग्गहे. णोइंदिय-अत्थावग्गहे। सोइंदिय-वंजणोग्गहे, पाणिदिय-वंजणोग्गहे-जिभिदिय-वंजणोग्गहे, फासिदिय-वंजणोग्गहे । सोतिदय-ईहा, चक्खिंदिय-ईहा, घाणिदिय-ईहा, जिठिंभंदिय-ईहा, फासिदिय-ईहा णोइंदिय-ईहा।' सोतिदियावाए, चक्विंदियावाए, घाणिदियावाए, जिभिंदियावाए, फासिदियावाए, णोइंदियावाए। सोइंदिअ-धारणा, चक्विंदिय-धारणा, घाणिदिय-धारणा, जिभिंदिय-धारणा, फासिदिय-धारणा, णोइंदिय-धारणा । -समवायांग सूत्र, समवाय २८। I से किं तं असंसारसमावण्ण-जीवपण्णवणा? असंसारसमावण्ण-जीवपण्णवणा दुविहा पण्णत्ता, तंजहा- . । . अणंतरसिद्ध-असंसारसमावण्ण-जीवपण्णवणा य, परंपरसिद्ध-असंसारसमावण्ण-जीवपण्णवणा य। से कि तं अणंतरसिद्ध असंसारसमावण्ण-जीवपण्णवणा? अणंतरसिद्ध असंसारसमावण्णजीवपण्णवणा पण्णरसविहा पण्णत्ता, तंजहा–तित्थसिद्धा, अतित्थसिद्धा, तित्थगरसिद्धा, अतित्थगरसिद्धा, सयंबुद्धसिद्धा पत्तेयबुद्धसिद्धा, बुद्धबोहियसिद्धा, इत्थीलिंगसिद्धा, पुरिसलिंगसिद्धा, नपुंसलिंगसिद्धा, सलिंगसिद्धा, अन्नलिंगसिद्धा, गिहिलिंगसिद्धा, एगसिद्धा, अणेगसिद्धा। -प्रज्ञापनासूत्र, सिद्धपद सूत्र ६-७ । प्रज्ञापना सूत्र के २१ वें पद में आहारक शरीर का वर्णन किया गया है । उसकर पाठ नन्दीसूत्र में प्रतिपादित मनः तर्यवहान के साथ मिलता-जुलता है। अतः पाठकों के ज्ञान के लिए, बह सूत्र-पाठ उद्धृत किया जाता है ___आहारगसरीरेणं भंते ! कति विधे पण्णते ?' गोयमा ! एगागारे पण्णत्ते । जइ एगागारे, कि मणूस-आहारक्सरीरे, अमणूस-आहारग-सरीरे? गोयमा ! मणूस-आहारगसरीरे नो अम - आहारगसरीरे। . जइ मणूस-आहारगसरीरे, किं संमुच्छिममणूस-आहारगसरीरे, गन्भवक्कंतिय-मणूस-आहारगसरीरे? गोयमा ! नो समुच्छिममणूस-आहागसरीरे, गब्भवक्कंतिय-मणूस-आहारगसरीरे । जइ गब्भवक्कंतिय-मणूस-आहारग सरीरे, किं कम्मभूमग-गब्भवक्कंतिय-मणूस-आहारगससरीरे, अकम्मभूमग-गब्भवक्कंतिय-मणूस-आहारगसगीरे, अंतरद्दीवग-गन्भवतिय-मणूस आहारगसरीरे ? गोयमा ? कम्मभूमग-गब्भवक्कंतिय-मणूस-आहारगसरीरे, नो अकम्मभूमग गम्भवक्कंतिय-मणूस-आहारगसरीरे, नो अन्तरद्दीवग-गब्भवक्कंतिय-मणूस-आहारगसरीरे । जइ कम्मभूमग-गब्भवक्कंतिय-मणूस-आहारगसरीरे, कि संखेज्जवासाउय-कम्मभूमग-गब्भवक्कंतियमणूस-आहारगसरीरे, असंखेज्जबासाउय-कम्मभूमग-गब्भवक्कंतिय-मणस-आहारगसरीरे?, गोयमा ! संखेज्ज

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