Book Title: Nandi Sutram
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Acharya Shree Atmaram Jain Bodh Prakashan
View full book text
________________
परिशिष्ट ।
कइविहे णं भंते ! गणिपिडए प.?, गोयमा । दुवालसंगे गणिपिडए प०, तं-आयारो जाव दिदिवाओ । से किं तं आयारो?, आयारे णं समगाणं णिगंयाणं आयारगोयरे० एवं अंगारूवणा भाणियव्वा, जहा नंदीए जाव
सुत्तत्थओ खलु पढमो, बीओ निज्जुत्तिमीसिओ भणिओ ।। तइओ य निरवसेसो, एस विही होइ अणुओगे ॥१॥
भगवती सूत्र, शतक २५, उद्देश ३ ।
Page Navigation
1 ... 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522