Book Title: Nandanvana
Author(s): N L Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 575
________________ परिशिष्ट- 1 : (555) 24b. प्रकाशनाधीन 25. सूचीबद्धता 27. भाषा ज्ञान विदेशों में जैन साहित्य पूर्ति 1. धवला-1 का अंग्रेजी अनुवाद 2. 'जैन भारती' का अंग्रेजी अनुवाद 3. सत्प्ररूपणा-सूत्र का अंग्रेजी अनुवाद 4. 'ठाणं' (जैन विश्व भारती) का अंग्रेजी अनुवाद 5. "जैन दर्शन का अंग्रेजी अनुवाद 6. "जैन विश्वभारती के पाठ्यक्रमों का अंग्रेजी अनुवाद 1. जैन इंटरनेशनल, अहमदाबाद 2. रिफेसिमेंटो, 3. लर्नेड एशिया 4. यूनेस्को चिल्ड्रेन लिटरेचर 5. हिन्दी में विज्ञान के लेखक 6. जैव विद्वत् सूची, 7. ए. बी. आई., यू. एस. ए. 8. कंटेंपोरेरी हूज हू, नागपुर हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, प्राकृत, गुजराती लगभग तीन लाख रूपये का साहित्य, अनेक संस्थाओं के सहयोग से : जैन एकेडेमी, यू. के., जैना लाइब्रेरी, यू. एस. ए., जाफना, यू.एस.ए. 50 से अधिक व्यक्तिगत एवं संस्थागत प्रेषण 1. ग्लास्गो की अध्ययन यात्रा के अतिरिक्त कुल 17 यात्रायें 1. ब्रिटेन (3 बार) 2. जर्मनी (2 बार) 3. अमरीका (4 बार) 4. जापान (2 बार), 5. कनाडा (1 बार), 6. लीज (बेलजियम, 1 बार) 7. जारागोसा (स्पेन, 1 बार), 8. फ्रांस (2 बार), 9. हेल्सिंकी (फिनलैड, 1 बार) 1. जैन सिद्धान्तों की वैज्ञानिकता और उनके वैज्ञानिक पक्ष 2. तुलनात्मक धर्म 3. पर्यावरण और धर्म 4. विज्ञान और धर्म 5. कलह और उनका निवारण विदेश-यात्रायें 29. अभिरुचि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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