Book Title: My Book of Prayers Naman Author(s): Madhuban Educational Books Publisher: Madhuban Educational BooksPage 48
________________ सुमिरन कर ले मेरे मना । तेरि बिति जाति उमर, हरिनाम बिना ॥ कूप नीर बिनु, धेनु छीर बिनु, धरती मेह बिना | जैसे तरुवर फल बिन हीना, तैसे प्राणी हरिनाम बिना ॥ देह नैन बिन, रैन चन्द्र बिन, मन्दिर दीप बिना । जैसे पंडित वेद बिहीना, तैसे प्राणी हरिनाम बिना ॥ Jain Education International काम क्रोध मद लोभ निहारो छाँड़ दे अब संतजना । कहे नानकशा, सुन भगवंता या जग में नहिं कोई अपना ॥ भजो रे भैया राम गोविन्द हरी जप तप साधन कछु नहिं लागत खरचत नहिं गठरी संतत संपत सुख के कारण जासे भूल परी कहत कबीर जा मुख राम नहिं वो मुख धूल भरी 47 For Private & Personal Use Only 11 ॥१॥ ॥२॥ ॥ ३ ॥ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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