Book Title: My Book of Prayers Naman
Author(s): Madhuban Educational Books
Publisher: Madhuban Educational Books

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Page 54
________________ ( श्री हनुमान चालीसा चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा। महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा ॥. . . ...जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरु देव की नाईं ॥ जो सत बार पाठ करे कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई॥ जो यह पढ़े हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥ दोहा पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥ ॥ सियावर रामचन्द्र की जय।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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