Book Title: Mumukshu Nitya Karma Author(s): Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 3
________________ तत्सत् परमात्मने नमः॥ सत्यमेवजयते. मुमुक्षुनु नित्य कर्म. जेने अमल्य सत्य वस्तु प्राप्त करवानी छे, तेने नित्य क म करवानी अल्प सूचना, उत्तम संस्कारी बंधुतारा, महा समर्थ अने परोपकारी पुज्ये, प्रसादीरुप आपी छ, तेनो भावार्थ मुमुक्षु जनोना साधन सा रु प्रगट करिये छईये. हे कृपासिंधु हुँ सत्यमार्गे रही सत्यनेज इच्छतो होऊतो मारा ऊपर पूर्ण क्रपा करो.Page Navigation
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