Book Title: Mumukshu Nitya Karma
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 14
________________ समये एवो विचार करवो जे, आवां भोजन करवाथी, मने जे आनंद हमणा थयो छे, ते थोडा समय पूर्वे न हतो, अने ए आनंद थोडा समय पछी रेहेबानो पग नथी; ए आनंद क्षणभंगुर छे, तेथी जो एनु अधिक भोजन करवामां आवशे तो, ए आनंद फेरवाइ जई दुःख रुप थशे, ए तो मात्र जीभनेज स्वाद आपे छे, पण एने सारु अति मोटी खटपट अने दुःख सहन करी, द्रव्य पण अधिक वापर, पडे छे; माटे आ समये जा हुं ए

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