Book Title: Mugal Samrato ki Dharmik Niti
Author(s): Nina Jain
Publisher: Kashiram Saraf Shivpuri

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Page 244
________________ श्री पावापुरी तीर्थ मन्दिर प्रशस्ति-शिलालेख (1) ॥ एं। स्वस्ति श्री सम्वति 1698 बैशाख सुदि 5 सोमवावरे । पाति शाह श्री साहिजाह सकलनूर । (2) मंडलाधीश्वर विजयी राज्ये 11 श्री चतुविशतितमजिनीधराज श्री वीर वनमान स्वामी। (3) निर्वाण कल्याणिक पपित्रिक पावापुरी परिसरे श्री वीरजिनधैत्य निवेश थी। (4) रूपन जिनराज प्रथम पुत्र चक्रवर्ती श्री भरत महाराज सकलमन्त्रि मण्डल श्रेष्ठ मन्त्रि श्रीमदसन्तानीय म० (5) हतिआणे ज्ञातिभंगार चोपड़ा गोत्रीय संघनायक संघवी तुलसीदास मार्या निहाले पुत्र सम्वत् संग्राम । (6) लघुभ्रातृ गोवर्द्धन तेजपाल भोजराज । रोहदीय गोत्रीय मण्डल परमानंद सपरिवार महधा गोत्रीय विशेष धर्म । (7) कम्मोद्यम विधायक 0 दुलीचन्द कांडडा गोत्रीय मण्डल भदनस्वामी दास मनोहर कुशला सुन्दरदास रोहदिया। मथुरादास नारायणदासः गिरिधर सन्तावास प्रसादी । वातिदिया गोल गूजरमल्ल बूदडमल मोहनदास । (9) माणिकचन्द बूदमल्ल 80 जगन दुरीचन्द्र । नान्हरागो0 30 कल्याण मल्ल मलूकचन्द्र सभा10) चन्द 1 सन्धेला गोत्रीय 30 सिंभू कीर्तिपाल बाबूराय केसवराय सूरति सिन्ध 1 काड्डा गो० दयाल11) दास भोवोलदार कृपालदास मौर मुरारीदास किलू । काणा गोत्रीय ठे० राजपाल रामचन्द। 12) महधा गो० कीतिसिध रो० छबीचन्द । जाजीवाण मो० म० नथमल्ल नन्दलाल नान्हड़ा गोत्रीय । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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