Book Title: Mrugaputra Charitram
Author(s): Shubhvardhan Gani
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ मृगापुत्र चरित्रम् // 22 // // 22 // SSS अर्थ-हे मुनीश्वरो एरीते मृगापुत्रनी पेठे शाश्वता परम आनंदवा मुखने (मोक्षने) श्राफ्नारी मृगचर्मने नमो पण प्रयत्न पूर्वक सेवो.. // 88 // सुनीवे नगरे स्वमंदिरगवाक्षे संस्थितः स्वर्गिवत् / दृष्ट्वा संयमिनं जितेंद्वियगणं संजातजातिस्मृतिः // प्राग्जन्मन्यनुभूतभूरिनरकोद्यद्वेदनावर्णनैः। पित्राप्तात्मविमोक्ष पुष चरणात् सिद्धो मृगापुत्रनः // 69 // अर्थः-मुग्रीवनामना नगरमां देवनीपेठे पोताना महेलना झरुखामां बेठेला मृगापुत्र (मार्गे जता) जितेंद्रिय मुनीराजने जोइने जातिस्मरण ज्ञान थवाथी पूर्व जन्ममां अनुभवेली नरकनी घणी वेदनाभोना वर्ण / पूर्वक मातापितानी रजा लेइने, चारित्र अंगीकार करी मोक्षे गया. // 89 // // इति श्री मृगापुत्रचरित्रं समाप्तं // श्रीरस्तु // ___ आ ग्रंथ श्री जामनगर निवासी पंडित श्रावक हीरालाल हंसराजे सेनुं गुजराती भाषांतर करी, ते सहित स्वपरना श्रेयमाटे श्रीशुभवर्धनगणीजीए रचेली ऋषिमंडलनी टीकामांथी ओधरीने पाताना श्री जैनभास्करोदय छापखानामा छापो प्रसिद्ध कयों छे. ... // समाप्तोऽयं ग्रंथः गुरुश्रीमच्चारित्रविजयसुप्रसादात् // // श्रीरस्तु // H .. . PT Gunnatrasuri MS Jun Gun Aaradors

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