Book Title: Mitti Me Savva bhue su Author(s): Padmasagarsuri Publisher: Arunoday Foundation View full book textPage 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रकाशकीय प्रमु के वचन ही प्रवचन हैं। प्रभु महावीर की वाणी को भलीभांति पढ़ - सुन - समझकर विविध सुभाषितों और रोचक दृष्टान्तों के द्वारा प्रभावक शैली में जो प्रस्तुत कर देता है, वही है- प्रवचनकार। ऐसे ही सुप्रसिद्ध प्रवचनकार जैनाचार्य प्रवर प्रातः स्मरणीय सद्गुरुवर्य परमपूज्य श्रीमत्पमसागरसूरीश्वरजी महाराज साहेब के पन्द्रह प्रवचनों का यह संकलन "मित्ती मे सव्वभूएसु" शीर्षक से ग्रन्थरूप में प्रकाशित करते हुए आज हमें विशेष आनन्द का अनुभव हो रहा है। इस अवसर पर काव्यतीर्थ राष्ट्रभाषापण्डित श्री शान्तप्रकाशजी सत्यदास एम्. ए. ( संस्कृत+राजनीतिविज्ञान ) का सहसा स्मरण हो आता है, जिन्होंने आचार्य श्री के समस्त प्रवचनों को हृदयंगम करके विभिन्न शीर्षकों के अन्तर्गत अपनी सरल प्रांजल भाषा में उनका सुव्यवस्थित सम्पादन एवं पुनर्लेखन किया। उन दानवीरों के भी हम अत्यन्त आभारी हैं, जिन्होंने इस ग्रन्थ के प्रकाशन-खर्च में मुक्तहस्त से आर्थिक सहायता दी। अन्त में हम आश्वासन देते हैं कि समाजहितकारी ऐसे ही कुछ और ग्रन्थ भी प्रकाशित करने का प्रयास किया जायेगा। - अध्यक्ष एवं ट्रस्टीगण श्री अरुणोदय फाउन्डेशन For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 274