Book Title: Marudhar aur Malva ke Panch Tirth Author(s): Devendravijay Publisher: Z_Yatindrasuri_Diksha_Shatabdi_Smarak_Granth_012036.pdf View full book textPage 9
________________ -यतीन्द्रसूरिस्मारक ग्रन्थ - इतिहासउत्तररामचरित, 2/3 २४.परमत्थदीपिनी (थेरगाथा की अट्टकथा) पाली टेक्स्ट १८.संयुत्तनिकाय 3/111, नालंदा देवनागरी पालि ग्रन्थमाला, सोसायटी, लंदन 1940 बिहार, 1959 २५.तत्कर्म यन्न बन्धाय सा विद्या या विमुक्तये। 19. ऋग्वेद संहिता 1/191/14,8581/5-6, 3/55/12, संपा.- २६.बृहत्कथाकोश 19/82 संपा.- डा.ए.एन. उपाध्ये, भारतीय जयदेव शर्मा, आर्य साहित्य मंडल लिमिटेड, अजमेर विद्या भवन, बंबई, संवत् 1999 20. आचारांग सूत्र, 2/2/3 सू. 317-318, श्री सिद्धचक्र साहित्य २७.जो वेददि वेदिज्जदि समए विणस्सहे उभय तं जाणगो इ .. प्रचारक समिति, बंबई 1935 .. णाणी उभयपि ण कंखइ कयापि। समयसार 216, अनु:-पं. सूयगडं, 1/4/2/7, संपा.-डा. पी.एल. वैद्य, पना 1935 परमेष्ठी दास न्यायतीर्थ, जैन ग्रन्थमाला, मारोड मारवाड: 1953 नायाधम्मकहाओ, 1/1/13, संपा डा. पी.एल. वैद्य, पूना 28. 1. सुयं मे भविस्सइ त्ति अज्झाइयव्वं भवइ। 1940 महावग्ग, पृ. 287, नालंदा देवनागरी पालि-ग्रंथमाला, विहार, 2. एगग्गचित्तो भविस्सामि त्ति अज्झाइयव्वं भवइ। 1956 3. अप्पाणं ठावइस्सामि त्ति अज्झाइयत्वं भवइ। २१.तैत्तरीय संहिता 6/1/6/5 ४.ठिओ परं ठावइस्सामि त्ति अज्झाइयव्वं भवइ। दसवेआलियं २२.मत्स्यपुराण 82/29, 131/19, संपा.- श्रीराम शर्मा, बरेली २३.विष्णुपुराण 32/22, संपा. श्री राम शर्मा. बरेली मूलसुत्ताणि--मुनि कन्हैयालाल 'कमल' 9/4 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 7 8 9