Book Title: Manonushasanam
Author(s): Tulsi Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 220
________________ ओकल्ट साइन्स मे इनका निरूपण प्रकारान्तर से भी मिलता है१ सैक्रोकोक्सीजियल प्लैक्सस (The Sacrococcygeal Plexus ) मूला धार चक्र । २. सैक्रल प्लैक्सस (The Sacral Plexus ) . स्वाधिष्ठान चक्र । ३. सोलर प्लैक्सस (The Solar Plexus ) मणिपुर चक्र ( वाम भाग ) । ४ सैरेब्रो-स्पाइनल प्लैक्सस ( The Serebro-Spinal Plexus ) मणिपुर चक्र (दक्षिण भाग ) । ⭑ ये दोनो क्रमश इडा और पिगला नामक नाडियो के सचालक है । इडा केन्द्रीय सुषुम्ना के बायीं ओर है तथा पिगला दायी ओर । ५ लम्बर प्लैक्सस (The Lumbar Plexus ) . अनाहत चक्र । ६. लैरिञ्जियल प्लैक्सस (The Laryngeal Plexus ) : विशुद्धि चक्र । ७ सैरेबलम प्लैक्सस (The Cerabellum Plexus ) आज्ञा चक्र । इनकी दो पखुडिया है । . ८. सैसोरियम (Sensorium) मानस चक्र । इसकी छह पखुडिया है । मिडिल सैरेब्रम (Middle Cerebrum) : सोम चक्र । १० अपर सैरेब्रम Upper Cerebrum) सहस्रार चक्र । ११ साधना की दृष्टि से तीन नाडिया मुख्य है : १ इडा २ पिगला ३ सुषुम्ना । इनका मूल मूलाधार चक्र है । सुषुम्ना नाडी मेरुदण्ड के मध्य में है वह मूलाधार से सहस्रार चक्र तक फैली हुई है। वह चैतन्य का शक्ति केन्द्र है। उसके दोनो ओर इडा और पिगला है । इडा बाये अण्डकोश से और पिगला दाये अण्डकोश से प्रारम्भ होती है। स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र, अनाहत चक्र और विशुद्धि चक्र मे इनका सगम होता है । पिगला विशुद्धि चक्र से ऊपर उठकर भूमध्य को वेष्टित करती हुई दायी नासिका तक चली जाती है। आज्ञाचक्र पर सुपुम्ना, इड़ा और पिगला का सगम होता है । १६८ / मनोनुशासनम्

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